शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में रहने वाले लोगों के लिए सरकार कई तरह की लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। इन योजनाओं का लाभ गरीब वर्ग, मध्यम वर्ग और जरूरतमंद लोगों को मिलता है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अयोध्या से लौटने के बाद ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ लिया गया पहला निर्णय है। इस योजना में एक करोड़ घरों पर सोलर रूफटाप सौर विद्युत उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे गरीब तथा मध्यम वर्ग परिवार का बिजली बिल कम होगा और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा। इस योजना को लोगों के बिजली का बिल जीरो करने के उद्धेश्य से शुरू किया गया है। वहीं आम नागरिक के द्वारा उपभोग किए जाने वाली बिजली से कार्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु भी किया गया है। ऐसे में पात्र लोगों के घरों पर सोलर पैनल लगाने का उद्धेश्य है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना मे नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों को बढ़ावा मिलेंगे और हमारा देश जल्द ही नवीनीकरण ऊर्जा को सबसे ज्यादा उपयोग करने वाला देश बन कर उभरेगा। इस सोलर योजना के माध्यम से देश में सौर ऊर्जा की नई क्रांति की शुरुआत हो सकेंगी।
इस योजना मे भारत देश के गरीब लोगों को सोलर पैनल को लगाने के लिए नगद छूट (सब्सिडी) प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार 75000 करोड़ रूपए निवेश करेगी। सौर ऊर्जा का उपयोग कर उपभोक्ता स्वयं के उपयोग हेतु बिजली पैदा कर सकेंगे। यह ऊर्जा उनके जीवन में खुशहाली लाएगी। वे आर्थिक बचत कर प्रति माह विद्युत बिल पर खर्च होने वाली राशि में कटौती कर सकेंगे।
सरकार द्वारा संचालित सूर्योदय योजना के तहत सोलर पैनल, उपभोक्ताओं की छत पर लगाया जाएगा। इस योजना के लिए केंद्र व राज्य सरकार के स्तर पर अलग-अलग अनुदान की भी व्यवस्था की गई है। इसमें 65 प्रतिशत अनुदान की है व्यवस्था रखी गई है। इस योजना के तहत सोलर पैनल को स्थापित करने के लिए सरकार ने क्षमता के अनुरूप राशि तय की है। एक किलो वाट से लेकर जितनी आवश्यकता है उतनी क्षमता का सोलर पैनल को स्थापित करने के लिए अलग-अलग राशि उपभोक्ताओं को देनी होगी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार के स्तर पर 40 प्रतिशत एवं राज्य सरकार के स्तर से 25 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गई है।
जब एजेंसी घर पर सोलर पैनल लगाएगा तो 80 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाना है। एक किलो वाट उत्पादन के लिए सरकार के स्तर पर 70808 रुपये लागत तय की गई है। इस योजना का बेंचमार्क दर 53398 है। इस पर केंद्र सरकार के स्तर पर 21359 एवं राज्य सरकार के स्तर पर 13349 रुपये के नगद अनुदान की व्यवस्था है एक किलो वाट पर उपभोक्ताओं को मात्र 36099 रुपये का भुगतान करना होगा। बताया गया कि एक किलोवाट के लिए तीन सोलर पैनल एवं दो किलो वाट के लिए छह सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
कैसे करें आवेदन
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना में आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट ीजजचेरूध्ध्चउेनतलंहींतण्हवअण्पदध् पर जाएं। होम पेज पर एप्लाई फार रूफटाप के आप्शन को चुन कर अपने राज्य और जिले के अनुसार सारी जानकारियां दर्ज करनी होंगी। साथ ही अपना बिजली बिल नंबर, विद्युत खर्च की जानकारी और आधारभूत जानकारियां भरने भरनी होंगी। इसके बाद अपनी छत की लंबाई-चैड़ाई आपको बतानी है और छत की पूरी जानकारी देनी है। फिर सोलर पैनल चुनें और आवेदन कर दें।
उत्पादित बिजली का उपयोग करेगी विद्युत कम्पनी
सोलर पैनल से उत्पादित बिजली को स्टोर करने की व्यवस्था नहीं होगी। यह स्मार्ट मीटर से सीधा जुड़ा रहेगा। उत्पादित बिजली को विद्युत कंपनी ले लेगी। इसके एवज में उपभोक्ताओं को बिजली मिलती रहेगी। अगर उपभोक्ता अपनी खपत से अधिक उत्पादन करते हैं तो बिजली विभाग पर उनका ऊर्जा बकाया रहेगा, जिसका उपयोग वे बाद में कर सकेंगे। उपभोक्ताओं को इस योजना से बिजली बिल काफी कम या नहीं के बराबर देना होगा। उपभोक्ता जब इस योजना का लाभ लेने लगेंगे तो बिजली पर निर्भरता कम होगी। वहीं ट्रांसफार्मर पर से भी लोड कम होगा। लाभार्थियों को हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी।
कौन लोग हैं पात्र?
पीएम सूर्योदय योजना के अंतर्गत वो लोग पात्र हैं, जो लोग गरीब या मध्यम वर्ग से आते हैं। जिनकी वार्षिक आय एक या डेढ़ लाख रुपये से कम है, सरकारी नौकरी में नहीं हैं, करदाता नहीं हैं।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2023 तक भारत में छत पर सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता के मामले में गुजरात 2.8 गिगावाट के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावाट के साथ दूसरे स्थान पर है। गौरतलब है कि देश की मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में सौर ऊर्जा की बड़ी हिस्सेदारी है, जो लगभग 180 गीगावाट है।
स भाव्या सिंह