अंतर्राष्ट्रीय भूगर्भ विज्ञान संघ ने पृथ्वी पर एक नए युग का अनुमोदन किया है। दक्षिणी जापान के चिबा प्रांत में पाई गई तलछट की एक परत के आधार पर इस नए युग की घोषणा की गई है। यह युग लगभग 7 लाख 70 हज़ार वर्ष पूर्व से लेकर 1 लाख 26 हज़ार वर्ष के बीच रहा था।
इस अवधि की विशेष बात यह है कि इस दौरान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र ने पलटी मारी थी। पृथ्वी के इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है कि उत्तरी व दक्षिणी चुंबकीय ध्रुवों की अदला-बदली हुई है। जब ऐसा होता है तो इसके निशान पृथ्वी की उन चट्टानों पर रह जाते हैं जो उस दौरान ठोस बन रही थीं। ऐसा माना जा रहा है कि इस स्थल पर पाई गई तलछट चुंबकीय उथल-पुथल का बहुत अच्छा रिकार्ड उपलब्ध कराएगी।
चुंबकीय ध्रुवीय पलट को ब्रुनहेस-मातुयामा पलटी कहते हैं और यह आज भी विवाद का विषय है। 2014 में जियोफिज़िकल जर्नल इंटरनेशनल में प्रकाशित एक शोध पत्र में इटली में पाई गई तलछट की एक परत से प्राप्त जानकारी के आधार पर कहा गया था कि चुंबकीय पलटी में मात्र कुछ दशकों का समय लगता है। दूसरी ओर, 2019 में हवाई में प्राचीन लावा के प्रवाह से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कहा गया था कि इसमें लगभग 22,000 साल लग जाते हैं। इस पलटी के बढ़िया रिकार्ड के साथ चिबा की तलछट शायद बहस को विराम देने का काम करेगी।
ध्रुवों के पलटने के अध्ययन से हम यह समझ पाएंगे कि इस वक्त क्या हो रहा है। हाल के वर्षों में पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों में थोड़ा स्थान परिवर्तन हो रहा है। वैज्ञानिक यह नहीं समझ पाए हैं कि ध्रुव क्यों भटक रहे हैं। शायद चिबा की चट्टानें कुछ मदद करें।