विज्ञान को समर्पित वैज्ञानिक पत्रिका

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हिन्दी की विज्ञान संबंधी पत्रिका वैज्ञानिक (त्रैमासिक) पिछले 55 साल से कई शिक्षाविदों और वैज्ञानिक पत्रिका हिन्दी के माध्यम से विज्ञान संचार में प्रयासरत हैं। ”वैज्ञानिक“ वर्ष में चार अंक द्वारा हिन्दी में गांव शहरों में वैज्ञानिक चिंतन प्रारंभ करने के उद्देश्य से पत्रिका पाठकों के लिए उपलब्ध है।

एक उच्चस्तरीय लेखों का नियमित संकलन हिन्दी में विज्ञान में वैज्ञानिकों शिक्षाविदों, संस्थानों के छात्रों व आप पाठक को मिले एवं एक वैज्ञानिक जागरूक मंच पैदा करना पत्रिका का प्रेरणा स्रोत रहा है। पत्रिका के मुख्य उद्देश्य विज्ञान संबंधी प्रसार जानकारी के लिए है और जनता के बीच नई प्रौद्योगिकियों, आविष्कार, नवाचारों में जागरूकता पैदा करने में और छात्रों, वैज्ञानिकों, तकनीशियनों के बीच आविष्कारशीलता, नवीनता और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना है।

वर्तमान में विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, बायोलाजी कृषि विज्ञान, प्राचीनतम तथा मूल चिकित्सा-प्रणाली,नैनोटेक्नोलाजी, पर्यावरण नाभिकीय विज्ञान, व प्रौद्योगिकी, आविष्कार, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण अनुप्रयोग, नवाचारों से संबंधित राष्ट्रीय महत्व आदि के विषयों पर केंद्रित रहा है।

विज्ञान को हिंदी में जनमानस तक पहुंचाने के लिए हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद्, बार्क, मुंबई द्वारा प्रकाशित ‘वैज्ञानिक’ भी निरंतर प्रयासरत हैं। ”वैज्ञानिक“ का परिचय अंक लगभग 53 वर्ष पूर्व 1969 में प्रकाशित हुआ था। वैज्ञानिक चिंतन हिन्दी में उपलब्ध कराने के अतिरिक्त इसमें नवीनतम शोध की जानकारी हिन्दी में पाठकों तक पहुंचाई जाती है।

इस पत्रिका का मुख्य उद्देश्य आम पाठक में राजभाषा में वैज्ञानिक लेख लिखने की क्षमता पैदा करना, नये शोध की जानकारी एक दूसरे तक पहुंचाना है। वर्ष 2016 में इसने प्ैैछ सभी निष्ठावान सदस्यों के प्रयास से प्राप्त किया है। कुछ विशेषांक अंक भी निकले जिससे छात्र, वैज्ञानिक, विज्ञान शिक्षक,पाठक लाभान्वित हुयें। स्तंभ विज्ञान समाचार विज्ञान दिवस- त्रैमासिक का प्रकाशित कर वैज्ञानिक में विज्ञान स्कूली बच्चों, के नए ज्ञान के लिए भी है।

‘वैज्ञानिक’ द्वारा पाठकों में हिन्दी में वैज्ञानिक जागरूकता पैदा की जाती है जिसमें विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों को समझाया जाता है, ताकि लेख के स्तर पर पाठक अपने ज्ञान व क्षमता में वृद्धि कर सके। इस अंक में प्रकाशित लेखों मेंओज़ोन ह्रास की जागरूक प्रणेताः पाल जे. क्रटज़ेन, अवसाद से कैसे बचें, जियोडायनामो कैसे बना, भारत में वर्ष 2023 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की झलक, शोध में लिंग और जेंडर का संघर्ष, क्षुद्रग्रहों की रिकार्ड संख्या को नया रूप, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह का महत्त्व, इत्यादी विज्ञान से सम्बंधित लेखों को स्थान दिया गया है।

साथ ही विज्ञान समाचार, प्रश्न मंच (प्रतियोगियों के लिए), पुस्तक समीक्षा, विज्ञान कविता, मनोगत भी विज्ञान से सम्बंधित पूर्व की भांति निरंतर स्थाई स्तंभ लेखों में यथावत रखे गए हैं। पिछले 55 वर्षों का वैज्ञानिक का अनुक्रमणिका दिया गया है, इस अंक का आनलाइन विमोचन अनुशशक्ति नगर के सांसद श्री राहुल शेवाले व परिषद द्वारा एक कार्यक्रम हुआ जिसमें वैज्ञानिक के नवीनतम अंक का विमोचन श्री राहुल शेवाले द्वारा आनलाइन विमोचन किया गया जो व्यस्थापन मंडल के सदस्य श्री बी एन मिश्रा के साथ हुआ। उन्होंने पत्रिका की विज्ञान के फील्ड में हो रहें अनुसंधान की जानकारी को पत्रिका के वैज्ञानिक पहलू पर प्रकाश डाला व सहयोग का भरोसा दिलाया है संपादकीय बोर्ड के सदस्य सर्वश्री, राजेश कुमार, केके वर्मा, डाॅ. संजय कुमार पाठक व वैज्ञानिक के व्यवस्थापक, सर्वश्री नवीन त्रिपाठी, बी.एन. मिश्र, अनिल अहिरवार, प्रकाश कश्यप, बधाई के पात्र हैं.

पुस्तक: वैज्ञानिक, पेज नं-76, मुख्य संपादकः राजेश कुमार मिश्र, प्रकाशक- हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद, मुंबई 400094

स समीक्षक: संजय गोस्वामी