पुस्तक ‘‘विज्ञान संचार के विविध आयाम’’ में विज्ञान संचारक द्वारा विज्ञान में नए-नए परिवर्तनों शोध से आम पाठक को अवगत कराती है। विज्ञान संचार द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की दुनिया से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने में मददÛार है यह पुस्तक। आमजन तक विज्ञान को पहुँचाने के लिए, वैज्ञानिक, विज्ञान संबंधी खोजें, पद्धतियां, पारंपरिक ज्ञान और नवाचार के प्रयोग का होना जरूरी है। विज्ञान संचारक द्वारा विज्ञान को हिंदी में लोकप्रियण व विज्ञान लेखन की काफी जरूरत है जिनसे हिन्दी में विज्ञान संचार हो सके इसके लिए, विज्ञान संचार की अच्छी महत्वपूर्ण पुस्तक है। विभिन्न सरकारी संस्था द्वारा हिन्दी में विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिये पिछले कुछ सालों में विज्ञान संचार के लिए, देश में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन हुआ है। इस प्रकार का प्रयास डीआरडीरओ द्वारा किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से कई पुस्तकें प्रकाशित हुई है उसमें से यह पुस्तक विज्ञान संचार हेतु सकारात्मक साबित हुई है इस पुस्तक में कुल 13 अध्याय हैं। जिसमें विज्ञान तथा समाज,विज्ञान संचार विज्ञान की समझ के सिद्धांत प्रभावी विज्ञान लेखन भारत की विज्ञान नीति विज्ञान संग्रहालय वैज्ञानिक संगठनों द्वारा विज्ञान संचार डीआरडीओ द्वारा विज्ञान संचार विज्ञान समितियों द्वारा विज्ञान संचार सोशल मीडिया से विज्ञान संचार हिन्दी में विज्ञान संचार विज्ञान संचार हेतु सम्मान व प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक आदि विषय हैं। राष्ट्र निर्माण के लिए विज्ञान की भमिका अहम है विज्ञान हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं और विज्ञान संचारक लगातार अभिनव तरीकों से उनके समाधान की कोशिश करते हैं। इसके लिए गांव में विज्ञान संचार, शिक्षण और तकनीक के लिए, अति आवश्यक है जिसमें हिंदी में विज्ञान संचार और स्थानीय स्तर पर वैज्ञानिकों की जानकारी देने वाले पुस्तक का सामने आना बहुत जरूरी है। पुस्तक में प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक पर प्रकाश डाला Ûगया है । भारतीय वैज्ञानिकों में होमी जहांगीर भाभा, विक्रम साराभाई, जगदीश चंद्र बोस, शांति स्वरूप भटनागर, सत्येंद्रनाथ बोस, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, हरगोविंद खुराना, राजा रमन्ना, मेघनाथ साहा, और सर चंद्रशेखर आदि का महत्व प्राचीन काल से ही विशेष रूप से रहा है और इन पर अपार गर्व है।
भारत के वैज्ञानिक सभी क्षेत्रों जैसे परमाणु, इलेक्ट्रानिक, चिकित्सा, कृषि, खगोल, रसायन, सड़क, सुरक्षा, टेलीफोन, यातायात, विनिनिर्माण क्षेत्र, संचार क्षेत्र, कम्प्यूटर, फार्मास्यूटिकल, परिवहन, स्वास्थ्य में सदैव अग्रणी रहे हैं।
पुस्तक में इन्हीं मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। पुस्तक का कवर बेहद आकर्षक है। क्योंकि कवर में कलाम साहब और बच्चों को दिखाया गया है। 14 नवम्बर बाल दिवस पर बच्चों के लिए शिक्षा के लिए उनका संदेश प्रेरणादायक रहा है। विज्ञान संचार के सभी लेख बेहद पठनीय और जानकारीपरक हैं। निःसंदेह इस पुस्तक के द्वारा बच्चे और शिक्षक विज्ञान संचार के सभी पहलुओं का विश्लेषण करने का प्रयास करेंगे, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को वैज्ञानिक जागरूकता और हिन्दी में विज्ञान संचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका हो।
पुस्तक का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक सूचना का प्रसार करना और विज्ञान संचार से जुड़े मुद्दों के बारे में आज जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है। विज्ञान संचार करने वाली यह पुस्तक पठनीय और प्रशंसनीय है।
पुस्तकः विज्ञान संचार के विविध आयाम
सम्पादकः सुरेश कुमार जिन्दल व फूलदीप कुमार
आईएसबीएन 978-81-86514-82-5
मूल्य : निःशुल्क, पृष्ठ संख्या : 260, संस्करण : 2015
प्रकाशनः रक्षा वैज्ञानिक सूचना तथा प्रलेखन केंद्र (डेसीडॉक), डी आर डी ओ, मेटकॉफ हाउस, दिल्ली-110 054
समीक्षक : संजय गोस्वामी
यमुना जी /13, अणुशक्ति नगर, मुॅंबई-94