जलवायु परिवर्तन से उपजते संकटों पर संगोष्ठी

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जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और रविशंकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय परिसर में गत दिसम्बर माह में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में के.के सेठी पू. आईएएस एस के मिश्रा पू. आईएएस, इंदिरा मिश्रा पू. आईएएस, डीपी तिवारी पू. आईएएस सहित ललित सिंघानिया संपादक पर्यावरण ऊर्जा टाइम्स उपस्थित रहे। विश्व के सामने गंभीर चुनौती बना जलवायु परिवर्तन क्यों और कैसे इससे उपजे संकट से कैसे बचाव किया जाए इस पर सभी ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए ।
ललित सिंघानिया ने जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की जरूरत बताई क्योंकि पृथ्वी पर संसाधन कम है। तेज़ी से बढ़ती आबादी के कारण धरती पर बोझ निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। अगर जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो आने वाले समय में लोग भोजन,पानी जैसी चीजों के लिए पलायन करेंगे, प्रदूषण जनित रोग फैलेंगे और तब धरती पर जीवन यापन कठिन हो जाएगा। जनसंख्या नियंत्रण से जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने में हम सक्षम हो सकेंगे।
जलवायु परिवर्तन से उपजते संकटों से बचाने के लिए ए.के. मिश्रा और डी. पी. तिवारी ने प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और विकास के लिए अंधाधुंध विकास की प्रवृत्ति को ख़त्म करने पर जोर दिया।
माधुरी वर्मा ने प्रदूषण और वायु गुणवत्ता पर अपना शोध प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ में प्रदूषित होती वायु पर विश्लेषण प्रस्तुत किया। प्रोफेसर शम्स परवेज ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन इंदिरा मिश्र ने किया, अंत में डॉ. मनमोहन सतनामी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।