कैसे बचाया जाएगा राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण

You are currently viewing कैसे बचाया जाएगा राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण

केंद्रीय वन-पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव 17 अप्रैल को राजस्थान के मरु क्षेत्र बाड़मेर, जैसलमेर के दौरे पर रहे। रेगिस्तान के विपरीत माहौल में भी रहने वाले वन्य जीवों के बारे में यादव ने विस्तृत जानकारी ली। इसी दौरान वन्य जीव प्रेमियों ने यादव को एक ज्ञापन देकर राज्य पक्षी गोडावण बचाने की अपील की।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गोडावण को राज्य सरकार ने राज्य पक्षी घोषित कर रखा है, लेकिन उसको बचाने और संरक्षण के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। जैसलमेर, बाड़मेर के मरुस्थलीय इलाकों में बड़ी बड़ी कंपनियों को सोलर पार्क विकसित करने के लिए रियायती दरों पर भूमि दी जा रही है। इन सोलर प्लांटों की वजह से आए दिन गोडावण दुर्लभ पक्षियों की मृत्यु हो रही है।
चूंकि गोडावण अन्य पक्षियों के मुकाबले में आकार में बड़ा होता है, इसलिए बिजली के करंट की चपेट में जल्दी आता है। बड़ी कंपनियां लगातार सोलर प्लांट लगा रही है। लेकिन वन्य पक्षियों के बचाव के लिए कोई उपाय नहीं कर रही है।
ताजा जानकारी के अनुसार गोडावण पक्षियों की संख्या मात्र 100 रह गई है। ऐसे में इस राज्य पक्षी को बचाने की सख्त जरूरत है। ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री यादव से आग्रह किया कि विशेष अभियान चला कर गोडावण को संरक्षण देने के साथ साथ उसकी संख्या में वृद्धि के लिए भी काम किया जाए। साथ ही सोलर प्लांट लगाने वाली कंपनियों को पाबंद किया जाए कि वे अपने अपने प्लांट परिसर में वन्यजीवों को बचाने के लिए उपाय करें।
अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं वन्य जीव प्रेमी शिवराज बिश्नोई को यादव ने भरोसा दिलाया कि गोडावण सहित मरु क्षेत्र के वन्य जीवों को संरक्षण देने के लिए विशेष कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही राज्य सरकार का भी ध्यान आकर्षित किया जाएगा।
वहीं प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और वन्य जीव प्रेमी उपेंद्र शर्मा ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से गोडावण की घटती जनसंख्या पर चिंता प्रकट की है। शर्मा ने बताया कि एक समय था, जब राजस्थान की पहचान वन क्षेत्र में गोडावण से होती थी। लेकिन आज प्रदेश के अधिकांश जिलों में गोडावण की संख्या शून्य हो गई है।
अब थोड़े बहुत गोडावण पक्षी बाड़मेर, जैसलमेर के मरुस्थलीय क्षेत्रों में रह रहे हैं। लेकिन यहां भी सोलर प्लांट और पवन चक्कियों के पंखों की वजह से गोडावण की संख्या लगातार घट रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव राजस्थान से ही राज्यसभा के सांसद हैं। ऐसे में राजस्थान प्रदेश के वन्य जीव प्रेमियों को उम्मीद है कि वे गोडावण पक्षी को बचाने और संरक्षण के लिए केंद्र की ओर से कोई योजना शुरू करेंगे। गोडावण पक्षी से जुड़ी समस्याओं के बारे में उपेंद्र शर्मा ने विशेष अध्ययन किया है।
एस.पी. मित्तल