वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया है कि जिस तेजी से ऊर्जा का प्रयोग बढ़ रहा है, उसका परिणाम यह होगा कि ऊर्जा के सभी परम्परागत स्रोत समाप्त होने लगेंगे।
विश्व में मुख्य रूप से लकड़ी, कोयला, तेल और गैस ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं। नदियों के जल से भी ऊर्जा प्राप्त होती है। ऊर्जा के सभी परम्परागत स्रोत प्रकृति की देन हैं। किन्तु इनके भंडार सीमित हैं। अतः अंधाधुंध प्रयोग से इनके भंडार जल्दी ही समाप्त हो जाएंगे। बहुत देश ऐसे हैं, जहां कोयला, तेल व गैस का भंडार बिल्कुल नहीं है। ऐसे देश बाहर के देशों से आयात करके अपनी ऊर्जा की आवश्यकता को पूरी करते हैं।
यदि हम अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग इसी दर से करते रहे, तो उनके ज्ञात भंडारों का तीव्र गति से क्षय हो जाएगा। साथ ही उनके नये भंडारों की खोज करना और उपयोग करना अधिक कठिन होता जा रहा है। ऐसा ज्ञान है कि हमारे देश का पेट्रोलियम के ज्ञात भंडार सन 2028 तक समाप्त हो जाएंगे। कोयले के भंडारों के भी 250 वर्षों तक चलने की आशा है। किन्तु ये भंडार जनसंख्या वृद्धि और तेल के भंडारों के ह्रास के कारण पहले भी समाप्त हो सकते हैं। जीवाश्म ईंधनों का व्यापक पैमाने में उपयोग पर्यावरण प्रदूषण का एक मुख्य कारण है। दूसरी ओर सौर ऊर्जा, वायु ऊर्जा, जल ऊर्जा, ज्वार भाटा ऊर्जा तथा बायोगैस से दोहित ऊर्जा के कुछ ऐसे स्रोत हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य की ऊर्जा से व्यत्पुन्न हैं। इन स्रोतों का दोहन तब तक किया जा सकेगा, जब तक पृथ्वी, सूर्य से प्रकाश व उष्मा प्राप्त होती रहेगी। नाभिकीय ऊर्जा तथा भूतापीय ऊर्जा के दीर्घकाल तक उपलब्ध रहने की संभावना है।
हम सभी जानते हैं कि आज के समय में किसी भी चीज के उपयोग से हम ऊर्जा तो प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन इसके बदले हमें प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। लेकिन सौर ऊर्जा पर्यावरण प्रदूषण के प्रयोग से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रक्रिया में कोई भी रसायन या उत्पाद शामिल नहीं होता है, जो पर्यावरण के प्रदूषण का कारण हो सकते हैं। इसीलिए इसके उपयोग से पर्यावरण स्वच्छ रहता है। सौर ऊर्जा, ऊर्जा का वह स्रोत है, जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु के परिवर्तन के लिए उत्तरदायी है। धरती पर सभी प्रकार के लिए सौर ऊर्जा ही एक सहारा है। सौर ऊर्जा का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। लेकिन सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर ऊर्जा के रूप में जाना जाता है। आज की इस आधुनिकता में सौर ऊर्जा का उपयोग घरेलू और औद्योगिक रूप में किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा के घरेलू उपयोगों में औद्योगिक उपयोगों की तुलना में बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा की कटाई की आवश्यकता नहीं होती है। इसके घरेलू उपयोगों में सौर कुकर, सौर गर्म पानी की व्यवस्था और एयर कंडीशनर शामिल हैं, जबकि सौर ऊर्जा के औद्योगिक अनुप्रयोगों में बिजली उत्पादन शामिल है। हम सभी जानते हैं कि ग्रामीण इलाकों में विद्युत पहुॅंचाना आसान बात नहीं है। लेकिन सौर ऊर्जा की उपलब्धता में आसानी के कारण इसका उपयोग ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में किया जा सकता है। इसके उपयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। इसके उपयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोगों तक बिजली पहुॅचाई जा सकती है और लागत की भी बचत होगी।
दुनिया भर में सौर ऊर्जा का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है, इसके महत्व को महसूस किया जा रहा है। सौर ऊर्जा से पर्याप्त ऊर्जा एकत्र करने के लिए बड़े स्थानों की आवश्यकता होती है। जिसमें सौर ऊर्जा के संग्रह में बड़े सौर पैनलों, सौर कलेक्टरों और सेल के उपयोग के माध्यम से एक बड़े क्षेत्र को कवर करना होता है, जिससे अधिक मात्रा में ऊर्जा एकत्र की जा सके। सौर ऊर्जा केवल सूर्य पर निर्भर होता है। लेकिन बहुत सी ऐसी जगहें हैं, जहां धूप कम होती है। ऐसे में सौर ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग असंभव है। सर्दियों में मौसम खराब होने पर धूप नहीं निकलती है, ऐसे में सौर ऊर्जा का उपयोग पूरी तरह से असंभव हो जाता है। इसलिए ऊर्जा के अन्य स्रोत का भी उपयोग करना चाहिए।
हम केवल सौर ऊर्जा पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। ये ऊर्जा का एक वैकल्पिक स्रोत है। गर्मियों के दौरान आप घर में सौर ऊर्जा का उपयोग विकल्प के रूप में चुन सकते हैं। बाकी मौसमों में बिजली का उपयोग कर सकते हैं। उन देशों में, जो जलवायु में मौसमी बदलावों का अनुभव नहीं करते है। उनके लिए यह सुविधाजनक स्रोत है और उनके लिए यह ऊर्जा का एक स्वतंत्र स्रोत हो सकता है।
ऊर्जा संकट का एक विकल्प
अधिकांश ऊर्जा स्रोतों का सम्बन्ध प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सौर ऊर्जा से है। पृथ्वी पर सूर्य ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। सूर्य के अत्यंतर में नाभिकीय संलयन के कारण लगातार विशाल मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती रहती है। इस ऊर्जा का अंतरिक्ष में सब दिशाओं में विकिरण होता रहता है। पृथ्वी व अन्य सौर ग्रहों को इस ऊर्जा का एक छोटा सा भाग ही मिलता है।
आज के समय में किसी भी चीज के उपयोग से हम ऊर्जा तो प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन इसके बदले हमें प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। लेकिन सौर ऊर्जा पर्यावरण प्रदूषण के प्रयोग से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रक्रिया में कोई भी रसायन या उत्पाद शामिल नहीं होता है, जो पर्यावरण के प्रदूषण का कारण हो सकते हैं। इसीलिए इसके उपयोग से पर्यावरण स्वच्छ रहता है।