पृथ्वीके बढ़ते तापमान ने पूरी दुनिया को तनाव में डाल दिया है। इसका असर किसी एक देश में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर हो रहा है। अब फ्यूचरिज्म की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैज्ञानिक सूर्य की गर्मी को रोकने के लिए अंतरिक्ष में एक खास छाते को भेजकर पृथ्वी को अधिक गर्मी से बचाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए एक छाते का प्रोटोटाइप विकसित करने पर काम भी किया जा रहा है। आशेर स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट के फिजिक्स के प्रोफेसर और टेक्नियन-इजराइल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के डायरेक्टर योराम रोजेन के नेतृत्व वाली टीम का दावा है कि वह इस विशाल छाते को बनाने वाली परियोजना पर काम करे रहे हैं। यह छाता लगभग दस लाख वर्ग मील या अर्जेंटीना के आकार के बराबर बड़ा होगा।
लानिं्चग सबसे बड़ी समस्या
इस छाते को लेकर सबसे बड़ी समस्या अंतरिक्ष में इसकी लानिं्चग है। एक अकेला राकेट इतने बड़े छाते को लेकर अंतरिक्ष तक उड़ान नहीं भर सकता है। ऐसे में रोजेन और उनकी टीम ने एक ऐसी योजना का प्रस्ताव दिया है, जिसमें एक साथ कई छोटे राकेट छाते के टुकड़ों को लेकर अंतरिक्ष में जाएंगे और वहीं, उन्हें असेंबल किया जाएगा। रोजेन ने न्यूयार्क टाइम्स से कहा कि हम दुनिया को दिखा सकते हैं कि यह एक कार्यशील समाधान हैं। इसे आवश्यकता के अनुसार, घटाया-बढ़ाया जा सकता है।
क्या कारगर होगा अंतरिक्ष छाता
शोधकर्ताओं का सुझाव है कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए सूर्य को एक विशाल छाते से पूरी तरह से अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। हम अगर कुछ प्रयास कर भी लें तो इससे सूर्य के विकिरण के केवल एक से दो प्रतिशत को ही बीच में रोक पाएंगे। पिछले साल, हार्वर्ड और यूटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की एक टीम ने जलवायु परिवर्तन पर काबू पाने के लिए सूर्य और पृथ्वी के बीच एक ‘‘लैग्रेंज बिंदु“ पर धूल रखने के विचार सुझाया था, लेकिन यह विचार कभी परियोजना के स्तर तक नहीं पहुंच सका।
क्या बोल रहे आलोचक-समर्थक
आलोचकों का तर्क है कि ग्लोबल वार्मिंग की तेज गति और बाहरी अंतरिक्ष की चुनौतियों के कारण छाता लगाने की योजना अवास्तविक और ज्यादा लागत वाली है। वहीं, इस विचार के समर्थकों का तर्क है कि जलवायु परिवर्तन का समाधान खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। रोजेन और उनकी टीम अब अपना प्रोटोटाइप बनाने के लिए 10 से 20 मिलियन डालर के बजट की मांग कर रही है।स