सावधान! दुनिया में फैलते कोरोना वायरस से

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चीन से फैला मुकुट जैसी आकृति वाला कोरोना वायरस ने दुनिया को चिंतातुर कर दिया। लेख लिखे जाने तक कोरोना ने 840 लोगों को लील लिया और 40000 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। तेजी से फैलता वायरस और अधिक घातक हो सकता है। चीन से कोरोना वायरस ने 26 देशों में दस्तक दे दी है। दिसम्बर 2019 से फैला कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना (2019-दब्व्ट) को अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल करार दिया है। कोरोना वायरस केवल जान ही नहीं लेगा, बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
महामारी फैलाता चीन
नोवेला कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से फैला, जो मांस बाजार के लिए प्रसिद्ध है। 2002 से सार्स जैसी घातक महामारी की शुरूआत चीन से हुई थी। सार्स की चपेट में सैकड़ों लोग मारे गए, वहीं एशिया बाजार को काफी नुकसान पहुॅंचा। जलवायु परिवर्तन के चलते वायरस जन्य महामारी एक के बाद एक आ रही है। 21वीं सदी में शुरूआत सार्स से हुई। 2005 में बर्डफ्लू, 2009 में स्वाइन फ्लू, 2014 में इबोला, 2016 में जीका, 2018 में निपाह और अब हमारा सामना हो रहा है कोरोना वायरस से। कोरोना वायरस का संक्रमण जितना फैलेगा, उतना ही मौतों का आंकड़ा बढ़ेगा। तेजी से फैलते वायरस से 840 लोग मारे गए और हजारों कोरोना से संक्रमित पाए गए।
चमगादड़ का वायरस
चीन दुनिया में जंगली जानवरों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। यह व्यापार चीन में वैध-अवैध ढंग से चलता है। चीनी जंगली टेस्ट के बेहद शौकीन हैं। दुर्लभ और विलुप्त होते जंगली जानवरों का मांस, सूप आसानी से मिलते हैं। शौकीन इनका अनोखा स्वाद लेने वाले चीन में जा पहुॅंचते हैं।
कोरोना वायरस जानवरों से इंसान में आया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस वायरस के प्राथमिक स्रोत चमगादड़ बताया। चीन में अनेक जानवरों को उनके स्वाद की वजह से खाया जाता है। वहीं इनका इस्तेमाल पारंपरिक दवाओं में भी किया जाता है। शोधकर्ता कहते हैं कि नया कोरोना वायरस हार्सशू चमगादड़ में मिलने वाले वायरस से मिलता-जुलता है।
चीन में ऐसे होटल हैं, जहॉं बैट सूप (चमगादड़ का सूप) परोसा जाता है। ऐसे सूप के कटोरों में आपको साबूत चमगादड़ मिलता है। कई सूप में बाघ के अंडकोष और पाम सिवेट के अंग होते हैं।
भुना हुआ कोबरा सांप, भालू के भुने हुए पंजे, बाघ की हड्डियों से बनी शराब मंहगे होटलों में मिलती है। जानवरों को बेचने वाले कई बाजारों में चूहे, बिल्लियों, कुत्ते, सांप सहित कुछ दुर्लभ प्रजाति की चिड़िया भी बेची जाती है।
विलुप्तप्राय जानवरों, पक्षियों के सूप मांस के अत्यधिक शौकीन चीन में ही संभव है। चीन में यह तब से हो रहा है, जबकि 70 फीसदी लोगों को पता है कि नए घातक वायरस जंगली जानवरों और पक्षियों से आए हैं। कोरोना वायरस फैलने के बाद फिलहाल चीन ने फौरी तौर पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि वायरस को फैलने से रोका जाए। सार्स वायरस भी चीन में एक सीवेस कैट से फैला था।
26 देश जा फैला कोरोना
चीन से निकला कोरोना वायरस ने 26 देशों में अपनी घुसपैठ बना ली है। भारत सहित दुनिया के 26 देशों में फैल चुका है। तेजी से फैलता कोरोना किस देश पहुॅंचा और कितने लोग संक्रमित हुए, इस पर नजर डालें। सिंगापुर में 18, जापान में 17, दक्षिण कोरिया में 12, ताइवान में 10, मलेशिया में 8, आस्ट्रेलिया में 7, जर्मनी में 6, अमेरिका में 6, फ्रांस में 6, वियतनाम में 6, कनाडा में 4, संयुक्त अरब अमीरात में 4, रूस, इटली और बिट्रेन में 2-2, भारत, नेपाल, श्रीलंका, स्पेन, स्वीडन, कंबोडिया में 1-1 मामला कोरोना वायरस संक्रमण का पाया गया। तेजी से संख्या बढ़ रही है।
सांस और बातचीत में वायरस
कोरोना वायरस बेहद संक्रामक है, जिसके लक्षण निमोनिया जैसे ही हैं। संक्रामक कितना है, उदाहरण देखें- ‘‘अगर विमान में एक भी यात्री कोरोना वायरस से ग्रसित है तो कुछ ही मिनट में सैकड़ों सहयात्री इसकी चपेट में आ सकते हैं।’’
संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ. निर्मल पात्रा कोरोना वायरस के बारे में कहते हैं, ‘‘यह वायरस बेहद खतरनाक है। इसके लक्षण निमोनिया जैसे ही हैं, लेकिन यह बेहद तेजी से फैलता है और जानलेवा साबित होता है। यह वायरस खांसी और छींक के जरिए फैलता है। इस संक्रमण की वजह से बाद में निमोनिया हो सकता है, जो घातक है।’’
इंसान को संक्रमित करने के साथ कोरोना वायरस अपनी संख्या बढ़ाने लगता है और फिर यह अपने मूल स्वरूप (म्यूटेंट) में बदलाव पैदा कर सकता है। इसके बाद वायरस और तेजी से फैलता है, इसलिए यह खतरनाक हो जाता है। लंदन के इंपीरियल कॉलेज आफ इन्फेक्शियस डिजीज विभाग की प्रोफेसर बेन्डी बर्कले कहती है, वायरस अक्सर सांस और बातचीत करने में भी फैल सकता है।
वुहान से दुनिया तक
चीन में वायरस का प्रकोप वुहान में ज्यादा देखा जा रहा है। कोरोना सार्स परिवार का ही एक सदस्य है। सार्स 2002, 2003 में ज्यादा सक्रिय रहा। सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) से कई देशों के 774 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2012 में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम वायरस से 858 लोग मरे, जिसमें अधिकांश सऊदी अरब के लोग थे।
कोरोना वायरस से लोगों के मरने की तादाद तेजी से बढ़ रही है। 2 जनवरी को अकेले चीन में मरने वालों की संख्या 361 जा पहुॅंची। जबकि कोरोना संक्रमित 21588 लोग हैं। भारत के केरल में कोरोना से पीड़ित 3 मामले सामने आए हैं।
कैसे फैला कोरोना?
कोरोना वायरस वुहान प्रांत में सी फुड के बाजार से यह वायरस फैला। 1 जनवरी 2020 को बाजार बंद था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच से मिली जानकारी के अनुसार ‘‘कोरोना वायरस ‘सार्स’ वायरस के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस बिल्ली, ऊॅंट, चमगादड़ सहित कई जानवरों में प्रवेश कर रहा है। दुर्लभ परिस्थिति में जानवर मनुष्य को भी संक्रमित कर सकते हैं। इंसानों से इंसानों में भी यह वायरस फैलता है।
कोरोना वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से 31 दिसम्बर 2019 के बाद वुहान से भारत आए लोगों का ब्यौरा मांगा है, ताकि उनकी जांच-पड़ताल कर सके। वरिष्ठ माइक्रो बायोलाजिस्ट डॉ. रचना गुप्ता कहती हैं, ‘‘कोरोना वायरस बेहद संक्रामक है और अब तक इसके रवैये के बारे में ठोस जानकारी नहीं है। श्वांस नली का संक्रमण होने की वजह से यह वायरस तेजी से फैलने में सक्षम है, लेकिन भारत को फिलहाल आतंकित होने की जरूरत नहीं है।
कोरोना के लक्षण
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में सर्दी-जुकाम के लक्षण नजर आते हैं। इस वायरस के संक्रमण के लक्षण इस प्रकार हैं।
सिरदर्द, नाक बहना, खांसी, गले में खराश, बुखार, अस्वस्थता का अहसास होना, थकान महसूस होना, निमोनिया, फेफड़ों में सूजन।
जैसा कि हर बीमारी के लिए कहा जाता है कि इलाज से बेहतर है सावधानी। डॉक्टर कहते हैं कि ऐसे में हर किसी को सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
बूढ़े व्यक्तियों को कोरोना का संक्रमण घातक हो सकता है, जिनमें रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। विशेषज्ञा ने हाल ही में कोरोना वायरस के जीन अनुक्रम को डिकोड किया, जिसे 2019 एनसीओवी नाम दिया गया।
1960 के दशक में कोरोना वायरस को पहली बार खोजा गया। इसकी आकृति मुकुट जैसी होने के कारण इसे कोरोना (क्राउन) नाम दिया गया। ऐसे वायरस घातक नहीं होते, लेकिन कभी-कभी यह आंत से संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकता है।
कोरोना वायरस एक आरएन वायरस है, जो बाकी वायरस से आनुवांशिक रूप में अलग है। इस वजह से यह दो अलग प्रजातियों के बीच आसानी से फैल सकता है और उन्हें संक्रमित कर सकता है। इसमें आंत की बीमारियां मौत का कारण बनती हैं।
भारत पहुॅंचा कोरोना
कोरोना वायरस ने भारत में प्रवेश कर लिया। चीन से सैकड़ों लोग भारत आते-जाते हैं। कोलकाता में बसे चाइना टाउन में चीन से लोग आ रहे हैं। सरकार ने इसके लिए एयरपोर्ट में एहतियाती उपाय शुरू कर दिए हैं। एयरपोर्ट पर सभी आने वाले यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। कोलकाता जैसे भीड़ भरे शहर में महामारी जैसे हालात हो जाएंगे। महानगरों में कोरोना वायरस का फैलाव रोकना ज्यादा बेहतर है। केरल में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है।
सार्स की तरह यह महामारी का रूप न ले सके, इसके लिए अभी से प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव की व्यवस्था भी अब कर ली गई है। इसके लिए फिलहाल फ्लू, निमोनिया खांसी, जुकाम जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों से दूरी बरतना ज्यादा अच्छा है। ऐसे प्रभावित लोग अपना इलाज जारी रखें, यही बुद्धिमानी है। कोरोना कहीं भी महामारी का रूप न ले सके, इसलिए संक्रमण से बचाव ज्यादा बेहतर है। दुनिया में महामारी की तरह फैलता कोरोना वायरस तबाही का सबब न बने, इसकी कोशिश होनी चाहिए।
भारतीयों को निकाला
चीन में फैले कोरोना वायरस से भारतीय बचे रहें, इसकी पहल सरकार ने की। 324 भारतीयों को चीन से भारत लाया जा चुका है, जिसमें अधिकांश छात्र हैं। भारत ने चीन में फंसे मालद्वीप के लोगों को भी लाकर पड़ोसी की सहायता की। जबकि पाकिस्तान ने चीन में अटके नागरिकों को लाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। पाकी नागरिक अपनी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। अलबत्ता चीन ने वायरस से बचाव की किट पाकिस्तान को भेजी है। भारत पहुॅंचे यात्रियों से फिलहाल चिकित्सकों की निगरानी में रखकर उनका परीक्षण किया, फिर उन्हें छुट्टी दे दी गई।
बहरहाल कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों से ही संक्रमण फैल रहा है। अभी तक इसके उपचार की कोई निरापद औषधि नहीं बनाई गई है। कोरोना वायरस से बचाव ही बेहतर है। खासकर मांसाहारी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। भारत में कोरोना वायरस थम सा गया है।
 रविन्द्र गिन्नौरे
पर्यावरण ऊर्जा टाइम्स