एक्स रे का बढ़ता आयाम

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A radiologist conducts an interpretation of a chest x-ray image with Lunit INSIGHT CXR analysis.

एक्सरे की खोज 1895 में जर्मन भौतिक विज्ञानी विल्हेम कानराड रान्टजेन द्वारा की गई जिन्होंने 1901 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार अर्जित किया था। हालांकि चिकित्सा इमेजिंग निदान में उनके संभावित अनुप्रयोग शुरू से ही स्पष्ट थे। पहले एक्स-रे का कार्यान्वयन 1972 में गाडफ्रे न्यूबाल्ड हौंसफील्ड (फिजियोलाजी एंड मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता) द्वारा रे कंप्यूटेड टोमोग्राफी प्रणाली बनाई गई थी, जिसने पहले मेडिकल सीटी स्कैनर के प्रोटोटाइप का निर्माण किया गया और इस गणना से उन्हें टोमोग्राफी का जनक माना जाता है।
एक्स-रे के खोज के बाद चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति आ गई। एक्स-रे किरण द्वारा हम हड्डी के फ्रैक्चर के सही स्थान का पता बिना सर्जरी के लगा सकते हैं। हड्डी के फ्रैक्चर का अच्छा उपचार क्ष- किरण का चित्र की वजह से होता है। उसके बाद में सीटी स्कैन और एक्स रे इमेजिंग प्रणाली से चिकित्सा के क्षेत्र में कई मरीजों की सेवा की है। शरीर के क्षतिग्रस्त हिस्सों की जानकारी क्ष- किरण के चित्र की वजह से होता है और उसका सही निदान सर्जरी के माध्यम से होता है। यह उपचार चिकित्सा के क्षेत्र में वरदान है। जो क्ष-किरणों का विकसित रूप है। चिकित्सीय उपयोगों के अलावा भी क्ष- किरण का अनेकों प्रकार से उपयोग किया जाता है।
एक सामान्य एक्स-रे मषीन में, रेडियोधर्मी सामग्री पर कैथोड किरणों पर बमबारी करके एक्स-रे का उत्पादन किया जाता है। जब एक उच्च गति कैथोड किरण एक रेडियोधर्मी सामग्री पर गिरती है, तो इलेक्ट्रानों और ऊर्जा का उत्सर्जन होता है। इस ऊर्जा का उपयोग एक्स-रे मषीन में किया जाता है।
क्ष-किरणों का अन्य उपयोग-रेडियोग्राफी के अलावा एक्सरे का उपयोग विभिन्न उद्योगों में बहुतायत में होता है।

औद्योगिक उपयोग
औद्योगिक उद्देष्य के लिए यह वेल्ड में दोषों का पता लगाने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। पुरातात्विक विष्लेषण में- एक्स-रे और सीटी जांच बिना नुकसान पहुंचाए सांस्कृतिक विरासत का विष्लेषण करता है। आज, रेडियोलाजिकल पद्धतियों को विभिन्न प्रकार के पुरातात्विक खोजों पर लागू किया जाता है। मेटलवर्क, पाटरी, ग्लास, पुरातात्विक, मुम्मीकृत या कंकालयुक्त मानव अवषेष के रेडियोग्राफी से उसके अंदर की संरचना को मालूम किया जाता है। कार्गो में भी इसका उपयोग खतरनाक सामग्री और ड्रग्स की स्कैनिंग के लिए होता है।
फोरेंसिक रेडियोग्राफी
कहा जाता है कि फोरेंसिक रेडियोग्राफी की पहली घटना 1890 के दषक में हुई थी। येल विष्वविद्यालय के प्रोफेसर एडब्ल्यू राइट ने एक मृत खरगोष पर विल्हेम रेंटजेन की नई खोजी गई एक्स-रे फोटोग्राफी का परीक्षण किया। मृत खरगोष के मारने का कारण जानने हेतु मृत खरगोष के पूरे शरीर का एक्सरे किया और एक्सरे फिल्म पर गोल वस्तुएं जो धब्बे के रूप में दिखाई दीं। जिसकी पहचान करने पर उसके अंदर गोली पाई गई जिससे खरगोष की मौत का कारण निर्धारित करने में मदद मिली। तब फोरेंसिक रेडियोलाजी का जन्म हुआ।
यह अपराध और पुलिस के मामलों को सुलझाने में काफी उपयोगी है, हत्या के मामले में रेडियोलोजी फोरेंसिक विज्ञान का विषय हमेषा सामने आता है। अपराधी को पहचान करने के लिए मानव अवषेष को स्कैन, विष्लेषण, पहचान और दिनांकित किया जाता है।
पुलिस के मामले को सुलझाने हेतु देखा जाता है मौत के मामले में कोई अपराधी साजिष है या नहीं? एक्सरे यह देखने के लिए किया जाता है कि मानव की मृत्यु का कारण कोई हत्या तो नहीं है ताकि अपराध को कोर्ट के सामने सबूत मिले और कठोर सजा मिले। कुछ मामलों में अपराधी के दिमाग का एम आर आई कर उसके गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। वस्तुओं को गोलियों के रूप में निकाला और पहचाना गया, जिससे खरगोष की मौत का कारण निर्धारित करने में अपराधी को पकड़ा जा सका। मृत व्यक्ति का फोरेंसिक जांच हेतु एक्सरे किया जाता है और शरीर के अंदर गोली या पायजन को पहचाना जा सकता है। जैसे किसी ने कोई जहरीली धातु खिलाकर मार डाला है तो एक्सरे से उस धातु का चित्र आ जायेगा। पोलोनियम जो रिएक्टिव तत्व है जो एक भयानक जहर है जिसे खिलाकर कितने बड़े लोगों को मार दिया गया। थुलियम भी इसी तरह का रेडियो एक्टिव पाइजन है जिसे खिलाने के बाद रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है, लेकिन शरीर काला नहीं होने की वजह अपराधी पकड़ा नहीं जाता है। इसकी पकड़ भी एक्सरे करता है। एक्सरे किसी पदार्थ के डेंसिटी पर निर्भर करता है और डेंसिटी यानि घनत्व के कारण फोटो पर उसका इमेज उसके अनुसार बनता है। इससे अपराधी को उसके किए की सजा मिलती है। ये एक ऐसा रिकार्ड है जिसमें कुछ भी फेर बदल नहीं हो सकता है और अदालत को पक्का सबूत मिलता है। एक्सरे का उपयोग स्मगलर को पकड़ने हेतु भी किया जाता है, जो शरीर के अंदर सोना, हीरा और ड्रग को छुपाकर विमान से लाते हैं लेकिन एक्सरे से पकड़ लिए जाते है।
सुरक्षा उपयोग
उनका उपयोग हवाई अड्डों, रेल टर्मिनलों और अन्य स्थानों में यात्रियों के सामान को स्कैन करने के लिए एक स्कैनर के रूप में किया जाता है। एक्स-रे आकाषीय वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित होता है और पर्यावरण को समझने के लिए इसका अध्ययन खगोल विज्ञान मे किया जाता है। आर्थोपैंटोमोग्राफी के तहत दंत एक्स-रे का वर्णन करने के लिए किया जाता है। दंत चिकित्सा में, एक्स-रे का उपयोग विकृति, बीमारियों, वृद्धि और बहिर्गमन का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग दांतों की संरचना के अध्ययन के लिए किया जाता है।
पदार्थों के अभिलक्षण के लिए धातुओं के आंतरिक संरचना से परिचित होना पड़ता है प्रकाष सूक्ष्मदर्षी से धातुओं के आंतरिक संरचना का पता नहीं चल पाता उनका ज्ञान सरलतापूर्वक एक्सरे सूक्ष्मदर्षी से हो जाता है। पदार्थों के आंतरिक संरचना के अध्ययन के लिए एक्स-रे विष्लेषण जैसे- एक्स आर डी, एक्स आर एफ, एच आर – एक्स आर डी व इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोपी, आयन माइक्रोस्कोपी, आण्विक स्पेक्ट्रोस्कोपी, प्रकाषीय स्पेक्ट्रोस्कोपी , रासायनिक विष्लेषण, तथा चुम्बकीय मापन (ई पी आर) आदि यंत्रो का उपयोग किया जाता हैं।
बहरहाल वैज्ञानिक सर विलियम रोंजन द्वारा एक्स-रे की खोज ने मरीजों की रक्षा के साथ-साथ उद्योग व चिकित्सा में नई दिषा दी है।
 संजय गोस्वामी
यमुना जी -13 अणुषक्तिनगर, मुंबई -94